
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का निधन देश के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उनके अंतिम संस्कार की प्रक्रिया कल (28 दिसंबर 2024) राजकीय सम्मान के साथ संपन्न होगी। भारत सरकार ने उनके निधन के बाद 7 दिनों का राजकीय शोक घोषित किया है, जो पूरे देश में लागू रहेगा। इस शोक अवधि के दौरान सरकारी कार्यालयों और संस्थानों में ध्वज आधे झुके रहेंगे और सरकारी कार्यक्रमों में सादगी का पालन किया जाएगा।
मनमोहन सिंह भारतीय राजनीति के एक मील का पत्थर थे, जिनके योगदान को कभी नहीं भुलाया जा सकता। उनका कार्यकाल प्रधानमंत्री के रूप में भारत के इतिहास में विशेष स्थान रखता है। 1991 में आर्थिक सुधारों की दिशा में उनका नेतृत्व भारतीय अर्थव्यवस्था को संकट से बाहर निकालने और वैश्विक मंच पर एक मजबूत उपस्थिति बनाने में अहम था। उनका शांत स्वभाव, दूरदर्शिता और नेतृत्व क्षमता उन्हें देशवासियों के दिलों में हमेशा जीवित रखेंगे।
राजकीय शोक के दौरान, भारत के प्रमुख नेता, अभिनेता, उद्योगपति और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने पूर्व प्रधानमंत्री के योगदान को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उन्हें भारत के आर्थिक सुधारों का आर्किटेक्ट और सार्वभौमिक नेता बताते हुए गहरी संवेदना व्यक्त की।
मनमोहन सिंह के योगदान को न केवल भारत, बल्कि दुनिया भर में सराहा गया। उनकी नीतियों और निर्णयों ने भारत को एक नए दिशा में अग्रसर किया, और उनके दृष्टिकोण ने वैश्विक मंच पर भारत की छवि को नया आयाम दिया।
इस कठिन घड़ी में, पूरा देश उनके परिवार और प्रियजनों के साथ खड़ा है, और उनकी यादें हमेशा भारतीय राजनीति और समाज में जीवित रहेंगी।